शब्द लिखते हुए शब्द अल्फाज बन जाते है । लिखते हुए अल्फाज जज्बात में बदल जाते है।। जज्बात यू शब्दो में लिख जाते है। कलम की नोक पर अपनी हर बात कह जाते है।। जब दर्द देते है ये शब्द तो जैसे तलवार बन जाते है। उन अल्फाजों को थोड़ा सजाकर हम शायर बन जाते है।। कभी गजल कभी कविता। आंखो से बहती सी सरिता।। जैसे दिल ए एहसास एक गागर में समा जाते है। और थामकर अपनी कलम हम बस लिखते जाते है।। हम बस लिखते जाते जाते है............. ©chahat शब्द सरिता