मुझे खुश देखने के लिये तुम कितनी कोशिशे कर चुके हो पर तुम नही जानते ऐसा करके तुम मेरा दर्द और भी बड़ा देते हो मुझे मालूम. है क़ि हर गम का इलाज सिर्फ ख़ामोशी में छुपा है लेकिन तुम तो बेजवह मुझे हंसाने के लिये मजबूर कर रहे हो मुझे मनाने की तुमारी हर कोशिश नाकाम हुई है ऐसा कही कुछ क्यों नही करते जिसका मुझ पर असर भी होता हो चाहने से क्या होता है अपनाओ तो जाने ऐसे रिश्ते किस काम के जिसे कोई निभा नही पाता हो ©Parasram Arora मुझे मालूम है...