चिंता फ़िक्र क़ो कितना ही धुँए में उड़ाने की चेष्टा कर ले कोई..... अवसाद...और तनाव से मुक्ति मिल जाना इतना आसान नही सुख के लिये धन् कमाओ तो उस कमाए हुए धन क़ो सुरक्षा देनी पड़ती है.. उसकी फ़िक्र करनी पड़ती है प्रतिभा और अहं पर जरा सी चोट पड़ते ही हमारी जिंदगी तिलमिलाहट से भर जाती है..क्योंकि.हम अपने अनुरागो आसक्तियों के तादातमो में खुद क़ो बुरी तरह जकड़ा हुआ पाते है तनाव क़ो भगाने के लिये हंसने की कितनी भी कोशिश कर ले. तनाव कमहोने का नाम ही नही लेता ©Parasram Arora तनाव बनाम अवसाद