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फूलों सी फूलों सी मुस्कान लिए, फूलों सा कोमल मन है

फूलों सी फूलों सी मुस्कान लिए,
फूलों सा कोमल मन है।
फूलों के अंतर्मन जैसा,
शोभित हृदयान्चल है।।

सत्य प्रेम की आकांक्षा,
फूलों सा स्नेह भरा है।
कलरव है मन मंदिर में,
कोयल से मीठे बोल हैं।।

फूलों सी खुशबू फैली,
मन के भीतर ये प्रेम है।
"राज" है फूलों सा उपवन,
जहाँ प्रेम की लड़ी लगी है।

जैसे फूलों का राजा है,
वैसे ही दिल का राजा है।
मन मंदिर में प्रेम जगाता,
सबका मन हर्षाता है।।

।।"रोज डे" विशेष।।

©राजेश कुशवाहा #फूलों सी #मुस्कान लिए,
फूलों सा कोमल मन है।
फूलों के अंतर्मन जैसा,
शोभित हृदयान्चल है।।

सत्य प्रेम की आकांक्षा,
फूलों सा स्नेह भरा है।
कलरव है मन मंदिर में,
फूलों सी फूलों सी मुस्कान लिए,
फूलों सा कोमल मन है।
फूलों के अंतर्मन जैसा,
शोभित हृदयान्चल है।।

सत्य प्रेम की आकांक्षा,
फूलों सा स्नेह भरा है।
कलरव है मन मंदिर में,
कोयल से मीठे बोल हैं।।

फूलों सी खुशबू फैली,
मन के भीतर ये प्रेम है।
"राज" है फूलों सा उपवन,
जहाँ प्रेम की लड़ी लगी है।

जैसे फूलों का राजा है,
वैसे ही दिल का राजा है।
मन मंदिर में प्रेम जगाता,
सबका मन हर्षाता है।।

।।"रोज डे" विशेष।।

©राजेश कुशवाहा #फूलों सी #मुस्कान लिए,
फूलों सा कोमल मन है।
फूलों के अंतर्मन जैसा,
शोभित हृदयान्चल है।।

सत्य प्रेम की आकांक्षा,
फूलों सा स्नेह भरा है।
कलरव है मन मंदिर में,