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रेत पर जब लिखा जो तेरा नाम एक रोशनी सी निकली रोश

रेत पर जब लिखा जो तेरा नाम 
एक रोशनी सी निकली 
रोशन कर गई पूरा समंदर 
रह लहर पर तेरी मेरी 
जिन्दगी के पल लहेराते रहे 
तेरे नाम की रोशनी 
उन बिखरी यादो पर गीरी 
जिनको कभो सीने से लगाया था मैने 
अब यादे जब आती है 
बहूत रूलाती है तडपाती है 
तेरे नाम की रोशनी 
बहुत तेज है ए यार मेरे 
मारे छिपे अश्क भी रोशन हो गये 
मेरे सूखे हौंठ भी भीगे से हो गये 
कूछ तो रह गया 
बिखरा सा तेरे मेरे दरमियां 
जो कभी पूरा हो ही न पाया
बस अब हर रोज 
तेज रोशनी मे रहे कर भी
अंधेरों मे ही बित रही मेरी जिन्दगी ।
chandny

©Sangeeta Verma रोशनी
रेत पर जब लिखा जो तेरा नाम 
एक रोशनी सी निकली 
रोशन कर गई पूरा समंदर 
रह लहर पर तेरी मेरी 
जिन्दगी के पल लहेराते रहे 
तेरे नाम की रोशनी 
उन बिखरी यादो पर गीरी 
जिनको कभो सीने से लगाया था मैने 
अब यादे जब आती है 
बहूत रूलाती है तडपाती है 
तेरे नाम की रोशनी 
बहुत तेज है ए यार मेरे 
मारे छिपे अश्क भी रोशन हो गये 
मेरे सूखे हौंठ भी भीगे से हो गये 
कूछ तो रह गया 
बिखरा सा तेरे मेरे दरमियां 
जो कभी पूरा हो ही न पाया
बस अब हर रोज 
तेज रोशनी मे रहे कर भी
अंधेरों मे ही बित रही मेरी जिन्दगी ।
chandny

©Sangeeta Verma रोशनी