रुतबा तुम्हारा चाहे कितना भी बुलंद हो, या वक़्त तुम्हारा कितना भी सुनहरा हो, लेकिन तुम्हारी नीति सच्ची होनी चाहिए, वरना एक दिन ख़ाक हो जाओगे तुम मिट्टी में। दृष्टि तुम्हारी सच्ची, ना दिल में पाप होना चाहिए, तन मे ना आक्रोश, ना खून मे अहंकार होना चाहिए। बुराई तुम्हारी कभी ना छुप पाएगी, ना ही कभी सत्य के सामने जीत पाएगी, सत्य हमेंशा है अमर कभी नहीं मिटता, असत्य पर सत्य की जीत हमेंशा होकर ही रहेगी। था एक लंका का राजा रावण दश सिर धारी, महाज्ञानी, अहंकारी, क्रोधी, वैभवी, बलशाली, फिर भी ना टिक पाया सत्य के सामने, और हो गया विनाश उसका श्री राम के हाथों। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1077 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ! 💐💐 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।