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बहुत वक़्त बाद जो मेरा नाम याद आया। महोब्बत याद आई

बहुत वक़्त बाद जो मेरा नाम याद आया।
महोब्बत याद आई या कोई काम याद आया।
खैर पुरानी आदत है तुम्हारी, मगर अब ज़िंदगी वैसी नही जैसी तुम्हारे वक़्त हुआ करती थी।
माथे पर से वो 24x7 अवेलेबल वाला टैग भी हटा दिया है मैंने।
ओर जितना करीब तुम थी मेरे, अब कोई और नही आ सकता, तुम भी नही।
तेरा ज़िन्दगी से जाना नही, ज़िन्दगी में आना खलता है, खैर छोड़ो चलता है।
लगता है व्हाट्सएप की पुरानी चैट पढ़ी है आज तुमने।
वो शुरुआती इश्क़ में डूबी लंबी बाते, कब तुम्हारी तरह सिर्फ सवालों ओर जवाबों में बदल गई। 
कुछ याद आया ?
बहुत वक़्त बाद जो मेरा नाम याद आया।
महोब्बत याद आई या कोई काम याद आया
एक पुरानी सी खुश्बू ने परेशान कर दिया, मुझे तेरी दस्तक़ ने हैरान कर दिया।
वो पहली मुलाक़ात जब तुमने मुस्कुरा के हैल्लो बोला था।
काश ये पहचान आगे बढ़ी ना होती, सारा क़सूर इन रात के वक़्त होने वाली मीठी-मीठी बातों का ही तो है।
अब दुबारा से शुरू मत करना इन बातों को, क्योंकि अब ये बाते मुझे शोर लगने लगी है, तू मुझे अब तू नही कोई और लगने लगी है।
बहुत फ़रेब से होकर गुजरा हूं, ये जिंदगी सच्ची लगती है।
हाँ शराब का सहारा लिया था कुछ दिन, मगर अब अब मुझे चाय अच्छी लगती है।
जो कुछ लिखा था तेरे लिए अब उसे ज़माना पढ़ता है।
बहुत खुशी होती है फ़िक्र देखकर जब कोई दोस्त फ़ोन करता है।
अब तो इंसोम्या नाम की बीमारी भी ठीक हो गई है, जब से माँ खुद सुलाने लगी है।
ज्यादा डिप्रेशन भी नही होता वक़्त पर नींद आने लगी है।
इश्क़ सिर्फ ज़िंदगी से करना है थोड़ा लेट समझ मे आया।
मगर अब भी तुझ से एक सवाल है- ?
बहुत वक़्त बाद जो मेरा नाम याद आया।
महोब्बत याद आई या कोई काम याद आया। #अज्ञात
बहुत वक़्त बाद जो मेरा नाम याद आया।
महोब्बत याद आई या कोई काम याद आया।
खैर पुरानी आदत है तुम्हारी, मगर अब ज़िंदगी वैसी नही जैसी तुम्हारे वक़्त हुआ करती थी।
माथे पर से वो 24x7 अवेलेबल वाला टैग भी हटा दिया है मैंने।
ओर जितना करीब तुम थी मेरे, अब कोई और नही आ सकता, तुम भी नही।
तेरा ज़िन्दगी से जाना नही, ज़िन्दगी में आना खलता है, खैर छोड़ो चलता है।
लगता है व्हाट्सएप की पुरानी चैट पढ़ी है आज तुमने।
वो शुरुआती इश्क़ में डूबी लंबी बाते, कब तुम्हारी तरह सिर्फ सवालों ओर जवाबों में बदल गई। 
कुछ याद आया ?
बहुत वक़्त बाद जो मेरा नाम याद आया।
महोब्बत याद आई या कोई काम याद आया
एक पुरानी सी खुश्बू ने परेशान कर दिया, मुझे तेरी दस्तक़ ने हैरान कर दिया।
वो पहली मुलाक़ात जब तुमने मुस्कुरा के हैल्लो बोला था।
काश ये पहचान आगे बढ़ी ना होती, सारा क़सूर इन रात के वक़्त होने वाली मीठी-मीठी बातों का ही तो है।
अब दुबारा से शुरू मत करना इन बातों को, क्योंकि अब ये बाते मुझे शोर लगने लगी है, तू मुझे अब तू नही कोई और लगने लगी है।
बहुत फ़रेब से होकर गुजरा हूं, ये जिंदगी सच्ची लगती है।
हाँ शराब का सहारा लिया था कुछ दिन, मगर अब अब मुझे चाय अच्छी लगती है।
जो कुछ लिखा था तेरे लिए अब उसे ज़माना पढ़ता है।
बहुत खुशी होती है फ़िक्र देखकर जब कोई दोस्त फ़ोन करता है।
अब तो इंसोम्या नाम की बीमारी भी ठीक हो गई है, जब से माँ खुद सुलाने लगी है।
ज्यादा डिप्रेशन भी नही होता वक़्त पर नींद आने लगी है।
इश्क़ सिर्फ ज़िंदगी से करना है थोड़ा लेट समझ मे आया।
मगर अब भी तुझ से एक सवाल है- ?
बहुत वक़्त बाद जो मेरा नाम याद आया।
महोब्बत याद आई या कोई काम याद आया। #अज्ञात