नई खामोशी है इक नया फ़साना है इक दीवानी हैं ‘सुब्रत’ इक दीवाना है इश्क़ की खूबसूरती तो देखिये, ज़रा इक तिल से शुरु ये पूरा फ़साना है इक मीरा जोगन थी इक मैं जोगी, तेरा जोगी, बस तुझमें डूब जाना है तू चौदहवीं की रात है मैं हूँ चकोर लाज़मी है ये दूरियाँ यही फ़साना है ऐसे तो परवाह नही किसी को मेरी पर जहाँ इश्क़ है वहीं ज़ालिम ज़माना है इक अजीब बेकरारी थी अजीब बेकरारी है न कल दिल ने माना था न आज माना है जिसने भी पूछा सबसे इनकार किया सुब्रत नाही कोई फ़साना था नाही कोई फ़साना है….. ~ अनुज सुब्रत लाज़मी है ये दूरियाँ यही फ़साना है..... ~अनुज सुब्रत (Author of "Teri gali mein") #Lazmi #duriyaan #fasana #Zamana #khaamoshi #beqkaari #manaa #Subrat #Anuj_Subrat #Darknight