या फैशन ने अंत तार दई लग रही आग घरानो मे बेटी बेटा बिंगड़ गए अब बतलावे फोन पखानो में बेशर्मी ने करवट बदली कलयुग कू समझान लगी आधो दीखे गात उघाड़ो मने देख शर्म सी आन लगी कहीं जींस की पैंट फटी या निक्कर में काम चलाय रहे नही दुपट्टा तन पे पावे अब सीनो साफ दीखाए रहे जनरेशन कू भाय रहे अब जाते क्यू मयखानो मे बेटी बेटा बिंगड़ गए अब बतलावे फोन पखानो मे इज्जत बारह बाट हुई है यू नो वापस आने की मां बापू खुद नही समझते बात करे समझाने की माथे की बिंदिया ले डुबो अब मांग सिंदूरी नोय पावे पैर के बिछवा गायब है गए ये धोती टीपी नोय भावे बाखल बैठक नोय पावे अब रहवे मरद जनानो मे बेटी बेटा बिंगड़ गए अब बतलावे फोन पखानो में सुल्पा गांजा दारू पीते होटल मे खाना खाते है गाउरमेंट ने दई सुविधा ओयो मे रात बिताते है खानो और कमानो छोड़ो हां लूट खसोटी करन लगे दूध दही अब नही दीखते हां पीजा बरगर भरण लगे नई उमर में मरण लगे लगे चक्कर चौकी थानो मे बेटी बेटा बिंगड़ गए अब बतलावे फोन पखानो मे ऋषिपाल भाटी ©Rishipal Bhati #फैशन