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गुजरे हुए वक्तो एहसास की नामोनिशानी वही है, सिविल

गुजरे हुए वक्तो एहसास की नामोनिशानी वही है,
सिविल लाइन्स से चौक की आज भी रवानी वही है!

शहर की तहजीब ए शख्सियत को सलाम है मेरा,
इलाहाबाद कहो या प्रयागराज तेरी कहानी वही है! #nohindi #nourdu
#allahabad #kumarrameshrahi
गुजरे हुए वक्तो एहसास की नामोनिशानी वही है,
सिविल लाइन्स से चौक की आज भी रवानी वही है!

शहर की तहजीब ए शख्सियत को सलाम है मेरा,
इलाहाबाद कहो या प्रयागराज तेरी कहानी वही है! #nohindi #nourdu
#allahabad #kumarrameshrahi