Full read in captions...... एक से एक रत्न मिले देश को, नाम अमर हुआ विदेश को, नालंदा विक्रमशिला जैसे ज्ञान पीठ, ना जाने रौशन कर गए कितने घरों को, इस मिट्टी के उत्पन हम प्यारे हैं, हां हां हम बिहारी हैं। हां हम बिहारी हैं। माथे पर चंदन, मुंह में पान-सुपारी, और लंगोटिया धारी हैं, हां, हां हम बिहारी हैं, मैं को हम,