"करवाचौथ " करवाचौथ के दिन एक चाँद, ऊपर आसमान में चमकता है, तो दूसरा इस धरती पर, सजता सवरता है। हाथो में मेंहदी आँखों में काजल, माथे पर लाल बिंदी और करती है श्रृंगार, साथो साथ अपने सुहाग के लिए, बिना कुछ खाए पिए करती है निर्जला व्रत। जहाँ पर सच्चे जज़्बात होते हैं, वहांँ पर ही करवा चौथ का व्रत होता है, मन में सच्ची भावना और सयम होता है, वहांँ पर ही भगवान प्रसन्न होता हैं। दिन बिता, रात हुई, चाँद निकला, सुहागन का चेहरा खुशी से नीखरा, हाथों में लिए करवा चौथ के पूजा की थाली, करती है पूजा और अपने पति के हाथ से, पीकर जल निभाती है रस्म करवा चौथ की। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-1 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_1 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़