यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः। स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते ।। (गीता:अध्याय 03 श्लोक 21) भावार्थ- भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि श्रेष्ठ पुरुष जो भी आचरण करता है, अन्य सामान्य पुरुष भी वैसा ही आचरण करते हैं। महापुरुष अपने श्रेष्ठ कार्यों से जो आदर्श स्थापित कर देता है, समस्त मनुष्य उसका अनुसरण करता है। ©Ganesh Singh Jadaun #NojotoRamleela #श्रीमद्भगवद्गीता_के_रहस्य