समाजों के दायरे में एक सवाल मेरा भी है, मुझे समझ के मेरे अस्तित्व को समझा दो, क्यों हर शक्श सोचता है खता मेरा ही है, बस सज़ा मुझे ही क्यों इसका जवाब दो यहां सत्ताधारी भी है जो समझ के परे है, उनको ही क्यों यहां सात खून माफ हो, मैंने लोगों से जरा सा हस के कुछ वर्ण परे है, गलत कहां से हूं मैं इसका कुछ तो जवाब दो। है सारे लोग कटघरे में इल्जामों के साए में खड़े है, कोई तो मेरे एहसासों का भी तहरीज करो, मैंने जरा सा अपना पक्ष रखा तो सजा पे लोग अड़े है, मेरी खता क्या है इस बात का कुछ तो जवाब दो। वो चाहे अपने हों या पराये। सरकार हो चाहे घर बार। यहां तक कि ख़ुद से भी सवाल जवाब ज़रूरी है। परिवर्तन सवालों से ही आता है। परिवर्तन के लिए जवाब मांगिये। #जवाबदो #jawabdo #challenge #yqdidi #YourQuoteAndMine