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मैं थक चुका हूँ ज़िन्दगी से अब तेरी गोद में सुला ले

मैं थक चुका हूँ ज़िन्दगी से अब तेरी गोद में सुला ले न माँ।
मुझे इतना दूर क्यों कर दिया है तेरे पास बुला ले न माँ।
               मैं ज़िन्दगी से.........
यहाँ कहाँ बो तेरी  उंगलियों का सहारा है
यहाँ तो मैं बीच मझधार में हूँ यहाँ कहाँ किनारा है।
अब तो सागर की सीपियाँ भी मुझे डरा रही है।
अपने आँचल में छुपा ले न माँ।
               मैं थक चुका...........
तेरी दुआएं तो मेरे साथ है पर तू कँहा है माँ।
मैं बस बहि खुश हूं तू जँहा है माँ।
तेरे बिना जीना अब मुश्किल सा हो गया है।
मुझे फ़िर से अपने चरणों में जगह दे न माँ।
               मैं थक चुका...........
हर रोज़ ज़िन्दगी की उलझनों से लड़ता रहता हूँ।
कभी नींद से तो कभी सपनों से झगड़ता रहता हूँ।
अब तो आँखों का नींद से कोई बास्ता न रहा है।
मुझे सोना है अब लोरी सुना दे न माँ               
              मैं थक चुका...........
जब तेरा साया रहता था तो मैं बड़ा बेफ्रिक रहता था।
माँ माँ और बस माँ तेरा ही ज़िक्र रहता था।
अब तो ज़ुबान भी किसी काम की नहीं है।
फ़िर तेरे नाम का अमृत पिला दे न माँ।
             मैं थक चुका..........
मुझे कुछ हो जाता तो तू नज़र उतारती थी।
में चेन से सो सकूँ इसलिए जाग कर रात गुज़ारती थी।
अब मैं जागुंगा और तू चेन से सोना।
खुद से इतना हक़ दिला दे न माँ
             मैं ज़िन्दगी से.......... #NojotoQuote मैं थक चुका हूँ ज़िन्दगी से अब तेरी गोद में सुला ले न माँ।
मुझे इतना दूर क्यों कर दिया है तेरे पास बुला ले न माँ।
               मैं ज़िन्दगी से.........
यहाँ कहाँ बो तेरी  उंगलियों का सहारा है
यहाँ तो मैं बीच मझधार में हूँ यहाँ कहाँ किनारा है।
अब तो सागर की सीपियाँ भी मुझे डरा रही है।
अपने आँचल में छुपा ले न माँ।
               मैं थक चुका...........
मैं थक चुका हूँ ज़िन्दगी से अब तेरी गोद में सुला ले न माँ।
मुझे इतना दूर क्यों कर दिया है तेरे पास बुला ले न माँ।
               मैं ज़िन्दगी से.........
यहाँ कहाँ बो तेरी  उंगलियों का सहारा है
यहाँ तो मैं बीच मझधार में हूँ यहाँ कहाँ किनारा है।
अब तो सागर की सीपियाँ भी मुझे डरा रही है।
अपने आँचल में छुपा ले न माँ।
               मैं थक चुका...........
तेरी दुआएं तो मेरे साथ है पर तू कँहा है माँ।
मैं बस बहि खुश हूं तू जँहा है माँ।
तेरे बिना जीना अब मुश्किल सा हो गया है।
मुझे फ़िर से अपने चरणों में जगह दे न माँ।
               मैं थक चुका...........
हर रोज़ ज़िन्दगी की उलझनों से लड़ता रहता हूँ।
कभी नींद से तो कभी सपनों से झगड़ता रहता हूँ।
अब तो आँखों का नींद से कोई बास्ता न रहा है।
मुझे सोना है अब लोरी सुना दे न माँ               
              मैं थक चुका...........
जब तेरा साया रहता था तो मैं बड़ा बेफ्रिक रहता था।
माँ माँ और बस माँ तेरा ही ज़िक्र रहता था।
अब तो ज़ुबान भी किसी काम की नहीं है।
फ़िर तेरे नाम का अमृत पिला दे न माँ।
             मैं थक चुका..........
मुझे कुछ हो जाता तो तू नज़र उतारती थी।
में चेन से सो सकूँ इसलिए जाग कर रात गुज़ारती थी।
अब मैं जागुंगा और तू चेन से सोना।
खुद से इतना हक़ दिला दे न माँ
             मैं ज़िन्दगी से.......... #NojotoQuote मैं थक चुका हूँ ज़िन्दगी से अब तेरी गोद में सुला ले न माँ।
मुझे इतना दूर क्यों कर दिया है तेरे पास बुला ले न माँ।
               मैं ज़िन्दगी से.........
यहाँ कहाँ बो तेरी  उंगलियों का सहारा है
यहाँ तो मैं बीच मझधार में हूँ यहाँ कहाँ किनारा है।
अब तो सागर की सीपियाँ भी मुझे डरा रही है।
अपने आँचल में छुपा ले न माँ।
               मैं थक चुका...........
rahulmeena9362

Rahul Ashesh

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