चाहे चमचमाती चहकती घाम का सहरा हो, चलते चंद चालों पे रीपुओं का पहरा हो, कभी उज्ज्वल बागियों के फूटा सवेरा हो, कहीं चमकती रौशनी बीच घनघोर अंधेरा हो, तू थाम के मेरा हाथ,चल मेरे साथ। बरसती धूप की बारिश मुझे सराबोर करती है, सपनों को चीर ये हक़ीक़त का भोर करती है, ये बेजुबां गुमान दम भर का शोर करती है, अनकही अनसुनी बातों का गर्जन करती है, तू अगुवाई कर मेरे,चल मेरे साथ। मुझे कदमों के आहट से घबराहट होती है, अपने ही साए से सनसनाहट होती है, नए गुलिस्ता को गुल भी गुल हो जाती है, तेरे बिन भय अधारमूल हो जाती है, मुझे इन संशय में शय दे, चल मेरे साथ। एक दुनिया है जहाँ ख़ुशियों का डेरा है, रात होती नहीं जहाँ है रौशन सवेरा आओ मेरे साथ चलो। Collab करें YQ Didi के साथ।