"सत्यानाश" बाहर से दिखने को तो मस्त हूं मै मगर क्या करूं फिर भी अंदर से त्रस्त हूं मै तुम्हारी उन यातनाओं से परिपूर्ण अनियंत्रित यादों से जो अनवरत आकर मुझे सता रही है दिन रात सुबह शाम बिना इक पल गवाए फिर भी लगातार झेल रहा हूं बार बार तुम्हारी इन अदृश्य किन्तु आभासी यादों को। कैसे तुम्ही बताओ की आखिर कैसे मैं पाऊं इससे छुटकारा ताकि जी सकूं अपनी ज़िन्दगी और भर सकूं अपने सपनों की उड़ान क्या है कोई उपाय या फिर ऐसे ही सहते रहना पड़ेगा इन असहनीय पीड़ा को अगर हां तो फिर समझ लो कि हो गया मेरा "सत्यानाश"!!!!! #सत्यानाश