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मिट्टी का वजूद बदल गया ईंटो में जो पानी से सनकर

मिट्टी का वजूद बदल गया 
ईंटो में जो पानी से सनकर 
ढाली गई साँचों में
ईंटों की लालिमा निर्भर रही दूसरों पर,,,
उसके त्याग का क्या,,, 
जो उसने करीब से अनुभुति की,,,,,
तपन को, जलन को दे गयी आकार 
घर के खूबसूरत बुनियाद का,,,,
आत्मानुभुति जैसे जैसे हुई 
ईंटों शक्ल सूरत बदलती गयी,,,
समाज ने उन्हे उसी दाम पर खरीदा
जो साथ लगी थी क्यांरियों में,
भाग्य ने उनके नाम अलग अलग कर दिए,,,
ईटों ने बडी़ शालीनता से खुद को ढाला
 नींव ,दीवारों ,सड़को पुलो 
और उँची अट्टालिकाओं तक
 पहुँचा दिया और भी ना जाने कहाँ तक,,,,
समय के झंझावातों ने रेत,कंक्रीट,
सीमेन्ट में मिला कर 
रंगो रोग़न से ढक दिया उसे,,,,,
परतों में टूटने के लिए,,,
उत्कृष्टता के लिए जिसने 
अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था,,,
जिसे हम घर कह सके,रह सके,
और भूला दिया 
पंक्ति की जिजीविषा को,,,,
बाहरी आडम्बर और दिखावटी लोकाचार नें,,,
😞💐🙏🙏 #Freedom #ईट  #स्त्री #जिजीविषा 
#kumarrameshrahi
मिट्टी का वजूद बदल गया 
ईंटो में जो पानी से सनकर 
ढाली गई साँचों में
ईंटों की लालिमा निर्भर रही दूसरों पर,,,
उसके त्याग का क्या,,, 
जो उसने करीब से अनुभुति की,,,,,
तपन को, जलन को दे गयी आकार 
घर के खूबसूरत बुनियाद का,,,,
आत्मानुभुति जैसे जैसे हुई 
ईंटों शक्ल सूरत बदलती गयी,,,
समाज ने उन्हे उसी दाम पर खरीदा
जो साथ लगी थी क्यांरियों में,
भाग्य ने उनके नाम अलग अलग कर दिए,,,
ईटों ने बडी़ शालीनता से खुद को ढाला
 नींव ,दीवारों ,सड़को पुलो 
और उँची अट्टालिकाओं तक
 पहुँचा दिया और भी ना जाने कहाँ तक,,,,
समय के झंझावातों ने रेत,कंक्रीट,
सीमेन्ट में मिला कर 
रंगो रोग़न से ढक दिया उसे,,,,,
परतों में टूटने के लिए,,,
उत्कृष्टता के लिए जिसने 
अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था,,,
जिसे हम घर कह सके,रह सके,
और भूला दिया 
पंक्ति की जिजीविषा को,,,,
बाहरी आडम्बर और दिखावटी लोकाचार नें,,,
😞💐🙏🙏 #Freedom #ईट  #स्त्री #जिजीविषा 
#kumarrameshrahi