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उसके साथ होना जो समझे मानवीयता, हर लम्हा हो प्रेम

 उसके साथ होना जो समझे मानवीयता,
हर लम्हा हो प्रेम, संवेदनशीलता की मूरत।
दर्द के पलों में जो बने साया,
सुख-दुःख की हर राह पर हो जिसने निभाया।

जिसकी आंखों में हो दया की चमक,
जिसके दिल में हो सच्चाई की झलक।
जो बांटे खुशियां और दुख भी साथ बांटे,
जो हर मोड़ पर बने साथी, कभी न बांटे।

जो मान दे हर इंसान को बराबरी का,
जो समझे हर दिल की धड़कन और अहमियत।
जो हो सहारा हर गिरते कदम का,
जो हो प्रकाश हर अंधियारे गम का।

©Balwant Mehta
  #togetherforever