Meri Mati Mera Desh इतनी होशियारी ठीक नहीं, बना उल्लू सवारी ठीक नहीं, ख़ैरियत से जो रहे ग़ाफ़िल, ज़मूरे का मदारी ठीक नहीं, जला देगा नशेमन दिलों का, इतनी भी खुमारी ठीक नहीं, भरोसे की बने दीवार ऊँची, फक़त ये पहरेदारी ठीक नहीं, नकद का सौदा होता अलहदा, चुनाँचे ये उधारी ठीक नहीं, टूटकर बिखर जाते हैं रिश्ते, नसीहत की बिमारी ठीक नहीं, इबादत भूलकर 'गुंजन' परेशाँ, जहालत की दिहाड़ी ठीक नहीं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #इतनी होशियारी ठीक नहीं#