मेरे साथ - साथ अब चलता नहीं जो हो लेता था साथ मेरे अब इस शहर में, मिलता नहीं दिखता नहीं मेरे साथ कभी खेलता नहीं अब मेरी बात ये चाँद सुनता नहीं जो गली मुहल्ले में भी झलकता था जो पानी में भी चमकता था जिसे चकोर पूरी रात निहारता था मुझे घर के खिड़की से भी, पुकारता था अब इस शहर में, मिलता नहीं दिखता नहीं मेरे साथ कभी खेलता नहीं अब मेरी बात ये चाँद सुनता नहीं ©बद्रीनाथ✍️ #mrbnp#mrbadri#बद्रीनाथ मेरे साथ - साथ अब चलता नहीं जो हो लेता था साथ मेरे अब इस शहर में, मिलता नहीं दिखता नहीं