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इश्क में अब वो नजारे नही मिलते, सीधे बात होती है इ

इश्क में अब वो नजारे नही मिलते,
सीधे बात होती है इशारे नही मिलते,

उसे मुझसे चाँद की ख्वाईश थी,
हैसियत से तो मेरी तारे नही मिलते ।

उसके जाने का अब गम नही होता,
समुन्द्र के दो किनारे नही मिलते ।

महबूब को यहाँ जल्दी भूल जाते है,
मोहब्ब्त में मुझे हारे नही मिलते।

हर दोस्त के पास अपना बहाना है,
मिलने की बात करते है सारे नही मिलते ।

मैं थक कर छाँव में बैठना चाहता था,
शहर में पेड़ो के सहारे नही मिलते । इश्क में अब वो नजारे नही मिलते,
सीधे बात होती है इशारे नही मिलते,

उसे मुझसे चाँद की ख्वाईश थी,
हैसियत से तो मेरी तारे नही मिलते ।

उसके जाने का अब गम नही होता,
समुन्द्र के दो किनारे नही मिलते ।
इश्क में अब वो नजारे नही मिलते,
सीधे बात होती है इशारे नही मिलते,

उसे मुझसे चाँद की ख्वाईश थी,
हैसियत से तो मेरी तारे नही मिलते ।

उसके जाने का अब गम नही होता,
समुन्द्र के दो किनारे नही मिलते ।

महबूब को यहाँ जल्दी भूल जाते है,
मोहब्ब्त में मुझे हारे नही मिलते।

हर दोस्त के पास अपना बहाना है,
मिलने की बात करते है सारे नही मिलते ।

मैं थक कर छाँव में बैठना चाहता था,
शहर में पेड़ो के सहारे नही मिलते । इश्क में अब वो नजारे नही मिलते,
सीधे बात होती है इशारे नही मिलते,

उसे मुझसे चाँद की ख्वाईश थी,
हैसियत से तो मेरी तारे नही मिलते ।

उसके जाने का अब गम नही होता,
समुन्द्र के दो किनारे नही मिलते ।
ashujaiswal5744

Ashu Jaiswal

Growing Creator