नर्म एहसास तुम्हारे, आज भी इस दिल को याद आते हैं, और जब यह एहसास याद आते हैं, तब अश्क आँखों से बहते हैं। मेरी भी जिंदगी कभी, तेरे नाम के फूल से सजती थी, सुबह शाम और दिन रात, इसमें तेरी ही खुशबू महकती थी। मेरी जिंदगी में सूर्योदय होने से, पहले ही सूर्यास्त हो गया, अब हर किसी को तो, अपनी कहानी बयां नहीं कर सकता ना मैं। फिर भी याद कर लेता हूंँ वो लम्हे, जिस पल में तू मेरे साथ थी, और झेल लेता हूँ आज के तन्हा लम्हे, इस लम्हे में बस तेरी यादें है। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1053 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।