महत्वकांक्षा,आशा,अभिलाषा की परत हटाकर, जब मनुष्य ने अपना वजूद देखा। दूसरों के हिसाब से जीने वाले इस प्राणी ने, खुद से खुद को बहुत दूर देखा। "प्रदीप" #एंबीशन#होप#मेन#सेटिस्फेक्शन