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White मैंने उसे ख़ुद से लड़ते हुए देखा है, घर में

White मैंने उसे ख़ुद से लड़ते हुए देखा है, 
घर में सबकी जरूरतों को पूरा करते देखा है, 
भीड़ में अकेले चलते हुए देखा है, 
जनाब घर की बड़ी लड़की है ना, 
खुद के सपनों को आखिरी पंक्ति में रखते देखा है ||

छोटी है मगर जिम्मेदारियाँ बहुत हैं, 
बचपन से ही बड़ी होने का एहसास बहुत है ,
छोटे भाई बहन के होते ही बड़ा समझा जाता है, 
नासमझी की उम्र में समझदार बताया जाता है,
जनाब घर की बड़ी लड़की है ना, 
खुद के सपनों को मैंने उसे किनारे करते देखा है ||

आजाद घूमते हुए भी मैंने उसे कशीदगी में देखा है, 
सबकी ज़रूरतों का हिसाब करते देखा है, 
खुद को पीछे रखकर उसने परिवार को आगे किया है, 
घर की बड़ी लड़की है जनाब, 
खुद को पंक्ति में मैंने उसे आखिरी रखते देखा है ||

©sati
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