Nojoto: Largest Storytelling Platform

ना कोई धर्म छोटा ना कोई महजब घृणा ना के पात्र है

ना कोई धर्म छोटा
 ना कोई महजब घृणा ना के पात्र है 

धर्म है अनेक पर
 सब धर्मो का सार समान है

आज हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईशाई -
कई धर्मो में बाटा है इंशान

परमात्मा ने बनायी 
 एक धर्म ''इंसानियत''
आज उसे भुला बैठा है इंशान 

हिंदू करे हिंदुत्व की रखबली
मुस्लिम करे मोहम्मद की हीफाजात
शिख करे गुरुगोविंद की निगरानी
ईशाई भी करे ईसा-मसीह की रखवाली

पर क्यू? 
डरा सहमा ठूठरता
अपने अस्तित्व को बचाता
विलाप करता मारा-मारा फिर रहा है इंसानियत— % & #inshaniyat
#kavita_quotes
#dil_ki_baate
#sawal_ek_jindgi
#sawal_ek_soch_ki
ना कोई धर्म छोटा
 ना कोई महजब घृणा ना के पात्र है 

धर्म है अनेक पर
 सब धर्मो का सार समान है

आज हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईशाई -
कई धर्मो में बाटा है इंशान

परमात्मा ने बनायी 
 एक धर्म ''इंसानियत''
आज उसे भुला बैठा है इंशान 

हिंदू करे हिंदुत्व की रखबली
मुस्लिम करे मोहम्मद की हीफाजात
शिख करे गुरुगोविंद की निगरानी
ईशाई भी करे ईसा-मसीह की रखवाली

पर क्यू? 
डरा सहमा ठूठरता
अपने अस्तित्व को बचाता
विलाप करता मारा-मारा फिर रहा है इंसानियत— % & #inshaniyat
#kavita_quotes
#dil_ki_baate
#sawal_ek_jindgi
#sawal_ek_soch_ki
kavita3343601158854

Kavita

New Creator