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किसी भी शहर में हों सारे बड़ों का राबता था हमीं से

किसी भी शहर में हों सारे बड़ों का राबता था
हमीं से टूट गया जो घरों से राबता था।

किसी ने पूछा नहीं तुमसे मेरे बारे में 
तुम्हारे साथ तो सब दोस्तों का राबता था।

उसी ने हमसे कहा था कि राबता रखो 
वो जिसके साथ मेरे दुश्मनों का राबता था।

- ज़ाहिद बशीर #footsteps #urdu #urdushayri #hindi #zahidbashir
किसी भी शहर में हों सारे बड़ों का राबता था
हमीं से टूट गया जो घरों से राबता था।

किसी ने पूछा नहीं तुमसे मेरे बारे में 
तुम्हारे साथ तो सब दोस्तों का राबता था।

उसी ने हमसे कहा था कि राबता रखो 
वो जिसके साथ मेरे दुश्मनों का राबता था।

- ज़ाहिद बशीर #footsteps #urdu #urdushayri #hindi #zahidbashir
jassisangha3545

Jassi Sangha

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