Nojoto: Largest Storytelling Platform

  दिन बीता, साल बीते,सब कहते है, मैं बड़ी हो गयी ब

 

दिन बीता, साल बीते,सब कहते है, मैं बड़ी हो गयी
बीते दिन की यादें, वो पल,समय की धूल से मैली हो गयी
कल के उत्थान में,मेरी बचपन की पतन हो गयी
एक सैलाब आया और मासूमियत कही दफ़्न हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
उन्हें लगता है तू नही पास मेरे
एक मोड़ आया, हमारी विरह हो गयी
साथ थी तू तब, अब कहते है तू खुदा को प्यारी हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
तू तो साथ ही मेरे, फिर कब तू यादें और ये यादें मैली हो गयी
बावलों से क्या लगू,इनकी कहानियों से लगे, मैं बावली हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
पर तू आज भी साथ मेरे,अँधेरे से खिंचती हाथ मेरे
कभी जो नींद न आवे,तो तू ही तो है जो आके सुलावे
फिर कब मैं बड़ी हो गयी,
क्यों सब कहते है, मैं बड़ी हो गयी?
आज भी तेरे गोद की नर्मियाँ है,कही खो जाऊ तो रौशनी बस तू
हर शिखर पे चूमती मुझे, मेरे लिए रोती है तू
जब गिरु तो कोई ना हो,तब हौंसले बाँध उठाती है तू
फिर कब ये गुलशन वीरानी हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
मेरी सखियों की जननी की उम्र ढल चुकी
पर तू तो अब भी जवां, ना बूढी होगी कभी
वे याद करती बचपन, कहती दुलार छोड़ आई कहीँ
पर मेरे यादों में बस प्यार ही है,और मुझे देख मुस्काती बस तू
मेरे हौसले में, मेरी बुलन्दियों में, मेरी अपेक्षाओं की सागर में तू
मेरी डगमगाती नाव को संभाले भी तू,फिर कब तू मुझसे जुदा हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
तेरी हँसी गुदगुदाती मुझे,जो छूना चाहू न स्पर्श कर पाऊं तुझे
तब लगे तू नही दुनियां की, बस मेरी तारा है तू
बचपन में जुगनू को तारा समझ पकड़ लेती
काश वो जुगनू होती जो तू, पर तू नही पल भर की रौशनी
जो जल बुझ जाये अभी,तू है सितारा उस अम्बर की
जो स्पर्श से दूर पर ना डूबेगी कभी #maa #motherhood #hindi
 

दिन बीता, साल बीते,सब कहते है, मैं बड़ी हो गयी
बीते दिन की यादें, वो पल,समय की धूल से मैली हो गयी
कल के उत्थान में,मेरी बचपन की पतन हो गयी
एक सैलाब आया और मासूमियत कही दफ़्न हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
उन्हें लगता है तू नही पास मेरे
एक मोड़ आया, हमारी विरह हो गयी
साथ थी तू तब, अब कहते है तू खुदा को प्यारी हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
तू तो साथ ही मेरे, फिर कब तू यादें और ये यादें मैली हो गयी
बावलों से क्या लगू,इनकी कहानियों से लगे, मैं बावली हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
पर तू आज भी साथ मेरे,अँधेरे से खिंचती हाथ मेरे
कभी जो नींद न आवे,तो तू ही तो है जो आके सुलावे
फिर कब मैं बड़ी हो गयी,
क्यों सब कहते है, मैं बड़ी हो गयी?
आज भी तेरे गोद की नर्मियाँ है,कही खो जाऊ तो रौशनी बस तू
हर शिखर पे चूमती मुझे, मेरे लिए रोती है तू
जब गिरु तो कोई ना हो,तब हौंसले बाँध उठाती है तू
फिर कब ये गुलशन वीरानी हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
मेरी सखियों की जननी की उम्र ढल चुकी
पर तू तो अब भी जवां, ना बूढी होगी कभी
वे याद करती बचपन, कहती दुलार छोड़ आई कहीँ
पर मेरे यादों में बस प्यार ही है,और मुझे देख मुस्काती बस तू
मेरे हौसले में, मेरी बुलन्दियों में, मेरी अपेक्षाओं की सागर में तू
मेरी डगमगाती नाव को संभाले भी तू,फिर कब तू मुझसे जुदा हो गयी
सब कहते है मैं बड़ी हो गयी
तेरी हँसी गुदगुदाती मुझे,जो छूना चाहू न स्पर्श कर पाऊं तुझे
तब लगे तू नही दुनियां की, बस मेरी तारा है तू
बचपन में जुगनू को तारा समझ पकड़ लेती
काश वो जुगनू होती जो तू, पर तू नही पल भर की रौशनी
जो जल बुझ जाये अभी,तू है सितारा उस अम्बर की
जो स्पर्श से दूर पर ना डूबेगी कभी #maa #motherhood #hindi