तुम जीवन में कुछ भी करो मगर विचार हमेशा दो तरह के रखो, या तो तुम लोहा बन जाओ लाख हथोड़ा गिरे पर आसानी से मुड़ो मत, या फिर जरा सी चोट सहकर सोने की तरह निखर आओ, अगर इन दोनों में तुम्हारे अंदर कोई भी एक बात है, तो दुनिया की कोई ताकत तुम्हें झुका नहीं सकती! -" सुधांशु निराला"- sudhanshupandey970@GMA.