मजबूरियों के तले दबकर साहब सब कुछ सहना पड़ता है। बदलता नहीं कोई खुद को 'वक्त के साथ' बदलना पड़ता है।। मजबूरियों के तले दबकर साहब सब कुछ सहना पड़ता है। बदलता नहीं कोई खुद को वक्त के साथ बदलना पड़ता है।। #मजबूरियों #के #तले #दबकर #साहब #सब #कुछ #सहना #पड़ता #है। #बदलता #नहीं #कोई #खुद #को #वक्त #के #साथ #बदलना #पड़ता #है।। #ललितकुमारगौतम #lalitkumargautam #parnassianscafe