उधार दिजीयेगा थोडे बहोत विचार सच्चे दिल के..... मानवता का तोफा दिजीये..... कब होंगे हम एकसंग साथ मे.... थोडा बहुत तो दिजीये राष्ट्र के नाम ..... कौन कहा तो कौन कहा भागे उसके ही काम..... कहलायें सच्चे भक्त देश के गंदिगी किसके नाम..... उपर उपर का कहना जान दे देंगे तेरे लिए...... आये बडी कठिनाईंया तो कौन कहा जाये..... बेचारा किसान तो कब बडा़ होगा पता हीं नहीं खुद खाये कम पकाये ज्यादा.... सड़क पर ही बैठा खुद लेकीन ना कुछ हुआ...... कचरा फेकों के नारे हर रोज सब सुनाये पुछे उनसे कहा फेके..... गंदगी खुद कर रहें , झाडु फावडा दिखावा ना करें..... थोडी उधार दिजीये गा मानवता .... फेकने वाले खाने का भुखे को दो जरा निवाला...... जरूरत मंदोको ना कुछ मिल रहा..... ना चाहिये उनको जबरदस्ती दे रहा..... सच्चे मेहनती दुसरी तरफ , बैठने वाले के नाम के नारे.... थोडा़ बहुत सब दिजीये गा कभी काम मे आयेगा... सवारने चले दुनिया ..... थोड़ा बहुत... #थोड़ाबहुत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqhindi #yqwordsofheart #yqnewwritersclub