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जाना कोई पहचाना कोई,यह सफर ही तो है,मिलता अंजाना क

जाना कोई पहचाना कोई,यह सफर ही तो है,मिलता अंजाना कोई!
कोई जान लेता चेहरे से दर्द ऐसे,लगता तो है यह हो दिवाना कोई!!
कोई थाम लेता यूं सफर साथ चलते-चलते,खयालों में ढलते-ढलते!
कोई तो ऐसे चलता राहों में जलते-जलते,जैसे हो दिवाना कोई!!
लहर,आती जो है किनारे,इसके ही सहारे होती कभी-कभी जिन्दगी!
जिन्दगी मुझे तो पहेली सी लगे ऐसे कभी-कभी,जैसे हो दिवावी कोई!! जाना कोई KARUNESH Ritika singh  Abhishek Bhardwaj रोहित तिवारी ।  KARUNESH
जाना कोई पहचाना कोई,यह सफर ही तो है,मिलता अंजाना कोई!
कोई जान लेता चेहरे से दर्द ऐसे,लगता तो है यह हो दिवाना कोई!!
कोई थाम लेता यूं सफर साथ चलते-चलते,खयालों में ढलते-ढलते!
कोई तो ऐसे चलता राहों में जलते-जलते,जैसे हो दिवाना कोई!!
लहर,आती जो है किनारे,इसके ही सहारे होती कभी-कभी जिन्दगी!
जिन्दगी मुझे तो पहेली सी लगे ऐसे कभी-कभी,जैसे हो दिवावी कोई!! जाना कोई KARUNESH Ritika singh  Abhishek Bhardwaj रोहित तिवारी ।  KARUNESH