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"कौए चले गगन की सैर को" नीले गगन तले, चलो सैर को च

"कौए चले गगन की सैर को"
नीले गगन तले,
चलो सैर को चले।
एकता सबमें बनी रहें,
कोई दूरियां न रहें।
कर्कश आवाज ही सही,
लोगों नापसंद सही।
प्यार का संदेश देते चले,
मानव फलें फूलें।
सुंदर जीवन जीते चलें,
सबको गलें लगाते चलें।
सभी में भाईचारा हो,
शांत गगन हमारा हो।
"एस. पी. चौहान "

©Shishpal Chauhan
  #कोए चले गगन की सैर को

#कोए चले गगन की सैर को #कविता

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