जिसके पीछे पड़ा सारा जहां है, क्या वो जुस्तजू-ए-खुशी भी कोई काम है? इक दफा आसपास नज़रे तो दौड़ाओ "राही", हर तरफ उसका ही वजूद-ए-निशान है। जिसके पीछे पड़ा सारा #जहां है, क्या वो #जुस्तजू_ए_खुशी भी कोई काम है? इक #दफा #आसपास #नज़रें तो दौड़ाओ "राही", हर तरफ उसका ही #वजूद_ए_निशान है। "राही"😀😍😍😁😁