Nojoto: Largest Storytelling Platform

वंशी खो गई हूं निज के अंतरंग में जितना गहराई म



वंशी


खो गई हूं निज के
अंतरंग में
जितना गहराई में 
जा रही हूँ
आत्मानुभूति का बोध
होने के साथ-साथ
आनन्द की अनुभूति
होने लगी है पर्याप्त
क्षण भंगुर लगने लगा
संसार
मोक्ष मार्ग का द्वार
खुला दिख रहा है मात्र
निज के दर्शन होने से
प्रज्ज्वलित हो रही है
शक्तियां मुझमे अपार
रोम-रोम खिल उठा
सुन श्याम तेरी
वंशी की धुन से........।

©SAKSHI JAIN
  #वंशी