"रामदेव पीर" आँख खुलते ही जपु तेरा नाम, मन में तेरी छवि बनाकर करू तेरा पावन दर्शन। माता मैणादे और पिता अजमल जी का कुंवर, श्री कृष्णा का ग्यारहवाँ अवतार श्री रामदेव पीर कहलाया। सुबह शाम धूप करूं मे तेरी अरज में, भक्ति भाव से पूजकर आरती करूं में तेरी। हो तुम तो सृष्टि के कण-कण में हाजरा हजूर, जो पूजता है भक्ति भाव से हो जाता है उसका बेड़ा पार। ली जब मक्का के पीरों ने अग्नि परीक्षा, तब दे के उसको परचा रामदेव "पीर" कहलाया। ना रखा भेदभाव जात पात में, दे के सबको एक ही मान, दिया संदेश सामाजिक एकता का। ना चाहिए तुमसे और कुछ, जितना दिया काफ़ी है, बस चाहिए तो तेरे नाम की भक्ति आखिरी साँस तक। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-4 #kkकाव्यमिलन #कोराकाग़ज़काव्यमिलन #काव्यमिलन_4 #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़