अपने कुल की हु आन भी मैं, अपने कुल का स्वाभिमान भी मैं, हूँ माँ की आँखों का तारा, और पिता के मन का राम भी मैं। उनका दिन उनकी रात भी मैं, उनका बसन्त बरसात भी मैं, हूँ चन्दा और सूरज उनका, उनका हर एक जज़्बात भी मैं। उनकी उम्मीदे और ख्वाब का, हूँ केवल एक सार ही मैं, हर एक साँस पे नाम मेरा, उनका जीवन आधार भी मैं। जितना भी करू उतना कम है, मैं बूँद एक वो अर्णव है, नही उनके प्यार का मोल कोई, ईश्वर भी उनके ऋणधर है। ©MAAN THE CREATOR माँ-पिता . . . #selfwrittenquotes #wordsofwisdom #writercommunity #writings #writersofindia #wordswag #hindilove #hindiwriting #hindishayari #maanthecreator