तेरी बेबाक खामोशी का मलाल छोड दूं ये लोग कहते हैं कि तेरा ख्याल छोड दूं बस हां या ना का बोझ रखूं तेरे होठों पर बाकी खुदा के हिस्से सारे सवाल छोड दूं तेरी आदत मे है बीती रात भूल जाना सोचता हूँ सिरहाने एक रुमाल छोड दूं नजर नजर मे तेरी बेदागी का इल्म है कहे तो दामन पर कुछ गुलाल छोड दूं ख्वाहिशें खूब मुकम्मल की ख्वाबों में अमा हकीकत मे तुझे तेरे हाल छोड दूं #रुस्वा