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।।।जो सूट बूट मे आया था ।डालर और पाऊंड लाया था।दिर

।।।जो सूट बूट मे आया था ।डालर और पाऊंड लाया था।दिरहम दीनारी  थैलों मे बीमारी वही छुपाया था।वो कुलीन अभिजात्य वर्ग जिनको विदेश ही प्यारा था। जो भागे थे इस माटी से इसमें क्या दोष हमारा था। जिनके उदरो का खालीपन ये देश नही भर पाया था। उसको तुमने क्यों नही धरा जो इस विषधर को लाया था। अपने जीवन का लक्ष्य महज दो रोटी पर ही घूम रहा । हम जैसो के खून पसीनो पर जो पिये बार झूम रहा। उसका इतना महिमामंडन जो दबे पांव घुस आया था। मिट्टी गारे मे सन सन करके हमने जो शहर बनाया था। जब वक्त पड़ा तो पता चला वो अपना नही पराया था। हम मलिन लोग गंधाते थे तुमको  कब कंहा सुहाते थे। लंबी दीवारों के पीछे तुमने ही हमे छुपाया था।अब शहर शहर और नगर नगर  हर तरफ भीड़ का रेला है। मुफलिसी गरीबी का जमघट भूखे नंगो का मेला है।कितना इसको ढक पाओगे ।इन सबको कंहा छुपाओगे।  हमने  इस मिट्टी को चाहा शहरों को आबाद किया। अपने खून पसीने से इस देश को जिंदा बाद किया। मेरा सपना बस रोटी थी मैं वही कमाने आया था। पर ये जो पीड़ा मुझे मिली उसका हकदार पराया था।।जिनके थे उदर बहुत गहरे जो यंहा नही भर पाया था। उससे भी सवाल जरूर करना जो इस महा प्रलय को लाया था।। प्रवासी मजदूर#
।।।जो सूट बूट मे आया था ।डालर और पाऊंड लाया था।दिरहम दीनारी  थैलों मे बीमारी वही छुपाया था।वो कुलीन अभिजात्य वर्ग जिनको विदेश ही प्यारा था। जो भागे थे इस माटी से इसमें क्या दोष हमारा था। जिनके उदरो का खालीपन ये देश नही भर पाया था। उसको तुमने क्यों नही धरा जो इस विषधर को लाया था। अपने जीवन का लक्ष्य महज दो रोटी पर ही घूम रहा । हम जैसो के खून पसीनो पर जो पिये बार झूम रहा। उसका इतना महिमामंडन जो दबे पांव घुस आया था। मिट्टी गारे मे सन सन करके हमने जो शहर बनाया था। जब वक्त पड़ा तो पता चला वो अपना नही पराया था। हम मलिन लोग गंधाते थे तुमको  कब कंहा सुहाते थे। लंबी दीवारों के पीछे तुमने ही हमे छुपाया था।अब शहर शहर और नगर नगर  हर तरफ भीड़ का रेला है। मुफलिसी गरीबी का जमघट भूखे नंगो का मेला है।कितना इसको ढक पाओगे ।इन सबको कंहा छुपाओगे।  हमने  इस मिट्टी को चाहा शहरों को आबाद किया। अपने खून पसीने से इस देश को जिंदा बाद किया। मेरा सपना बस रोटी थी मैं वही कमाने आया था। पर ये जो पीड़ा मुझे मिली उसका हकदार पराया था।।जिनके थे उदर बहुत गहरे जो यंहा नही भर पाया था। उससे भी सवाल जरूर करना जो इस महा प्रलय को लाया था।। प्रवासी मजदूर#