क्यों अपने ही इस जीवन में असुरों सा घात लगाते हैं वर्षों से बंधे हुए बंधन को पल भर में झूठ लाते हैं धर्म युद्ध है ये जीवन भी,जहाँ बाणों से बाण टकराते हैं मूल्यों को वही भुला बैठे, जो मूल्यों की बात बताते हैं क्षणिक ©Dhirendra Pandey #dharm #dharmyudh #War #Jiwan #Wall