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हाथ है तो फिर जगन्नाथ भी अपना है यही है

हाथ  है   तो फिर  जगन्नाथ   भी  अपना है 
यही  है  वो  हाथ  जो  चिनाव चिन्ह   लगा कर . पुरानी  
सरकार   गिरा गए 
कुछ हाथ  संतो का  चोला  उतार कर   पापी  बन गए 
  यही है  वो  दो हाथ  जो 
 लकड़ी पर  आरी  चलाते  चलाते   मासूमो  का  गला रौंध गए 
कुछ  हाथ     ऐसे भी थे जो   खेतो मे  हल चलाते  थे 
वही हाथ बंदूके  चलाने लग गए. 
हाँ  ये बात  सही है   कुछ हाथ ऐसे भी थे जो. मुठी से  तमाचा 
बना सकते थे पर    विलम्व  कर गए 
कई  हाथ  ऐसे  भी थे जो  लकीरो  से   खेलते रहे   
लेकिन    भविष्य   सुधारने  की जगह 
अपना ही  बेडा  गर्क  कर गए अपना  हाथ .... जगन्नाथ
हाथ  है   तो फिर  जगन्नाथ   भी  अपना है 
यही  है  वो  हाथ  जो  चिनाव चिन्ह   लगा कर . पुरानी  
सरकार   गिरा गए 
कुछ हाथ  संतो का  चोला  उतार कर   पापी  बन गए 
  यही है  वो  दो हाथ  जो 
 लकड़ी पर  आरी  चलाते  चलाते   मासूमो  का  गला रौंध गए 
कुछ  हाथ     ऐसे भी थे जो   खेतो मे  हल चलाते  थे 
वही हाथ बंदूके  चलाने लग गए. 
हाँ  ये बात  सही है   कुछ हाथ ऐसे भी थे जो. मुठी से  तमाचा 
बना सकते थे पर    विलम्व  कर गए 
कई  हाथ  ऐसे  भी थे जो  लकीरो  से   खेलते रहे   
लेकिन    भविष्य   सुधारने  की जगह 
अपना ही  बेडा  गर्क  कर गए अपना  हाथ .... जगन्नाथ