कितनी रात ना सोए हम, ना जानें कितने तारें गिनें, महबूब के वास्ते दर्द के दिन सारे गिनें, साथ छोड़ गया वो शख्स हमारा, उन्हें लगा हमनें सिर्फ़ दिन हमारे गिनें। कितनी रात ना सोए हम, ना जानें कितने तारें गिनें, महबूब के वास्ते दर्द के दिन सारे गिनें, साथ छोड़ गया वो शख्स हमारा, उन्हें लगा हमनें सिर्फ़ दिन हमारे गिनें। #alexcollections #alexcollection