आँखों मे सपनों के दिये जलाएं रहते है रातों की नींद भी उड़ाए रहते है चैन नही कहीं बस ख्वाबों में खोए रहते है मंजिल पाने की चाह में खुद को भी भुलाये रहते हैं। #रातों_की_नींद