निगाये ही ऐसी मेरी जहरीली कौन उसे टालेगा, पुछो उनकों ही नहीं पता क्या हमें ही क्या कहेगा.... घुमते है हमारे ही ओर चक्कर क्यु आगे नहीं जाते, कल का गीत हमारा क्यु नहीं गुनगुनाते... हर लम्हा हर बात मे ठहरेंगे पता नहीं उनकों भी वह भी क्या जानेंगे, शब्दों की दोस्ती ही ऐसी क्यु नहीं बतायेगी बात मेरी ऐसी तेढें रास्ते.... ये बात हमारी ऐसी हर वक्त की नई कहाणी, बेहतरीन सुझाव से पहले कैसे छुपेगी यह नाराजगी मेरी... आप बेहतर जानते है मेरे स्वभाव के शब्दों को, कभी पुछोंही मत उनको... खामोशी को अपना लेंगे कुछ बताना नहीं चाहतें, रम जाते है उनमे ही आप बेहतर जानते है..... रास्तों से युही ऐसे मत कभी गुजरना बिना बताये, निगाये ही ऐसी हमारी तुमपे... अकेले बेहतरीन रहता है जानते है मन मे मैरे... हवा के अलावा कोई चलना नहीं चाहता, अकेले शब्दों को कौन संभालना चाहेगा... पहचान हमारी क्यु छुपा दि गुमसुम हो के ऐसी , लिखदि आपको बिना बताये शब्दों की और एक सहेली... आप बेहतर जानते हैं... #आपजानतेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqquotes #yqthankyou