#OpenPoetry || सारा ज़माना जब तुम्हारे खिलाफ बोलता हैं तो समझ ले के तू साफ़ बोलता हैं जो लोग बहुत ख़ामोश रहा करते हैं ज़माने में उनका हूनर बोलता हैं दफन कर दो इसे तुम चाहे कितना ज़मीं से निकल के इंसाफ बोलता हैं मेरा कोई हुनर शामिल नहीं इसमें बस लहजे में मेरा संस्कार बोलता हैं लाख कोशिश करें हम दूरी मिटाने की चेहरों से मगर मतभेद बोलता हैं बुरे वक़्त में तूने मदद की हो जिसकी अक्सर वही तेरे खिलाफ बोलते हैं || Be #StRoNg AnD #mOvE oN... it‘s #TiMe FoR yOu To Be #HaPPy #AgAiN...