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साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी। सर

साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।

तस्वीरों को जब जब देंखूं सिसक सिसक कर रोती हूँ।
अपनी प्यारी तकिये से लिपट लिपट कर सोती हूँ।
तस्वीरों को तकिए के नीचे रखना ना मुझको भाया
सिर आता था उनके ऊपर इसीलिए नही रख पायी।

साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।

तस्वीरों को जब जब देंखूं मुझे बहुत भाते हो।
कैसे कहूँ मेरी जाना याद बहुत तुम आते हो।
तुम्हारे गीत सुने थे हमने अपने विस्तर पर लेटे लेटे।
आहे भरी थी हमने अपने विस्तर पर सोते सोते।

भीगी थी बारिश में उस पल पर प्यार जता ना मैं पायी
साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।
®अभय बलरामपुरी
साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।

तस्वीरों को जब जब देंखूं सिसक सिसक कर रोती हूँ।
अपनी प्यारी तकिये से लिपट लिपट कर सोती हूँ।
तस्वीरों को तकिए के नीचे रखना ना मुझको भाया
सिर आता था उनके ऊपर इसीलिए नही रख पायी।

साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।

तस्वीरों को जब जब देंखूं मुझे बहुत भाते हो।
कैसे कहूँ मेरी जाना याद बहुत तुम आते हो।
तुम्हारे गीत सुने थे हमने अपने विस्तर पर लेटे लेटे।
आहे भरी थी हमने अपने विस्तर पर सोते सोते।

भीगी थी बारिश में उस पल पर प्यार जता ना मैं पायी
साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।
®अभय बलरामपुरी