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प्यार तो करता हूँ मैं तुमसे एक नहीं सौ बार लिखा रच

प्यार तो करता हूँ मैं तुमसे
एक नहीं सौ बार लिखा
रचनाओं में गौण रही तुम
तुम्हे शब्द मुखर जज्बात लिखा
शब्दों के उन अर्थो में तुम
जब जब अलंकार बनी
मैं वीर रस लिखने वाला भी
गजल, गीत और श्रृंगार लिखा।।
प्यार तो करता हूँ मैं तुम से
एक नहीं सौ बार लिखा ।।
जब जब पढ़ा मैंने मीरा को
वो प्रेम प्रसंग अध्यात्म लगा
तब हर पन्ने के पृष्ठभूमि में
मैं तुम्हें सहज सरल अंदाज लिखा
मेरी एकतरफा प्रेम की गाथा
सच है कि स्वर रूप न ले पाया, 
शब्द प्रस्फुटित होते रहे पन्नों पर
और काव्य रूप में तुम्हें पाया
जब तक तुम दृष्टिगोचर थी, नैनों में
कलमों ने सिर्फ श्रृंगार लिखा
मैं रंगमंच का, शब्द संघिता
निज नाट्यमंच गुलजार किया
मूक प्रेम की वो अविरल गाथा 
मैं शब्द-शब्द संवाद लिखा
प्यार तो करता हूँ  तुमसे
एक नहीं सौ बार लिखा ।।

भास्कर




 #nojoto #poetry #unbiasedlove #onesidedlovestory
प्यार तो करता हूँ मैं तुमसे
एक नहीं सौ बार लिखा
रचनाओं में गौण रही तुम
तुम्हे शब्द मुखर जज्बात लिखा
शब्दों के उन अर्थो में तुम
जब जब अलंकार बनी
मैं वीर रस लिखने वाला भी
गजल, गीत और श्रृंगार लिखा।।
प्यार तो करता हूँ मैं तुम से
एक नहीं सौ बार लिखा ।।
जब जब पढ़ा मैंने मीरा को
वो प्रेम प्रसंग अध्यात्म लगा
तब हर पन्ने के पृष्ठभूमि में
मैं तुम्हें सहज सरल अंदाज लिखा
मेरी एकतरफा प्रेम की गाथा
सच है कि स्वर रूप न ले पाया, 
शब्द प्रस्फुटित होते रहे पन्नों पर
और काव्य रूप में तुम्हें पाया
जब तक तुम दृष्टिगोचर थी, नैनों में
कलमों ने सिर्फ श्रृंगार लिखा
मैं रंगमंच का, शब्द संघिता
निज नाट्यमंच गुलजार किया
मूक प्रेम की वो अविरल गाथा 
मैं शब्द-शब्द संवाद लिखा
प्यार तो करता हूँ  तुमसे
एक नहीं सौ बार लिखा ।।

भास्कर




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