इस भीड़ भरी दुनिया में कोई नही अपना अकेले में खुद को समझाता रहता हूँ फिर भी सबको अपनाया रहता हूँ आज उनकी जरूरत है, कभी मेरा भी पड़ेगा उनका हम किये रहेंगे तब तो वो हमारा भी सुनेगें वैसे सबको हैं मालूम कोई नही अपना सब जरूरत का खेल है जो उसे पूरा करे,उसी से मेल हैं। ©Arun kr. #Thinking #Thinking