स्त्री स्त्री कहो तो, संसार का गहना, आदि शक्ति का रूप, या फिर लक्ष्मी का स्वरूप, लेकिन है ये तो घर की रौनक ही, घर की लक्ष्मी खुश तो सारा घर खुश, सहनशीलता की सूरत,समर्पण की मुरत, उड़ती खुले आसमा में आज़ाद परिंदे की तरह, दिल मे जज़्बा लेकर चलती अपनी मंज़िल की तरफ, और देती पैग़ाम दुनिया को के हम भी किसी से कम नहीं। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-4 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_4 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़