Nojoto: Largest Storytelling Platform
ushakiran6651
  • 161Stories
  • 7Followers
  • 2.0KLove
    7.6KViews

Dr Usha Kiran

मैं मुझ में गुमशुदा सा है

  • Popular
  • Latest
  • Video
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

जीव ब्रह्म के बीच में, है झीनी  सी डोर। 
एक छोर इस ओर है, एक छोर उस ओर।।

©Dr Usha Kiran
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

White गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएंँ 
🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 

अपने गुरुओं का करें,कोटि-कोटि सम्मान।
जीवन सुखमय हो सदा, पाकर निर्मल ज्ञान।।

©Dr Usha Kiran
  #guru_purnima
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

2122   1212    22 

अधर चुप मगर बोलती आंँखें। 
भेद कुछ मगर खोलती आंँखें। 

चैन आए भला हमें कैसे- 
वक्त-बे-वक्त तोलती आंँखें ।

चाँद उतरा बड़ा सलीके से - 
चांँदनी खुद पसारती आंँखें। 

जल उठी ज्यों कहीं शमां दिल में - 
देख ली जब निहारती आंँखें। 

रात ढलने लगी फिजाओं में - 
चांँद पहलू उतारती आंँखें । 

चाहतें है लिए समंदर भी - 
आप डूबा उबारती आंँखें। 

डूबते हम रहे ‘उषा’ यूँ ही - 
ख्वाब कितने संँवारती आँखें ।

©Dr Usha Kiran
  #आंँखें...
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

1222  1222   122 

सनम तुमसे सभी अरमान मेरे। 
लगे जैसे कि तुम वरदान मेरे। 

अगर मैं रूठ भी जाऊं कभी तो-
खिला देना अधर मुस्कान मेरे। 

पसारो बांह अपनी तुम बुला लो-
ख़ता सब माफ कर नादान मेरे। 

चलो तुम हाथ थामें हर जनम जो-
सदा तुम ही रहो अभिमान मेरे।

गुलों का हो नहीं साया भले ही - 
रहे तुमसे सदा सम्मान मेरे। 

सुहाना सा सफर हो साथ पल-पल-
रहे आंगन भरा गुलदान मेरे। 

'उषा’ खिलती सदा पहलू सनम के-
खुशी हर वक्त तुमसे प्राण मेरे।

©Dr Usha Kiran
  #tereliye
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

तुम ही नहीं मुन्तजि़र मंजिल के अकेले 
नदियाँ कई  हमारे भीतर मचल रही है

©Dr Usha Kiran
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

White इस जग के हर रंग मैं भूली तेरा रंग कुबूल। 
बिन तेरे यह सुंदर उपवन लगे है जैसे शूल। 
पारस के जैसे हे! प्रिय तुम मैं काया पाहन की, 
तुम ही मेरी दौलत शोहरत बाकी सब कुछ धूल।

©Dr Usha Kiran
  #love_shayari
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

तन मथुरा मन वृंदावन है। 
शाश्वत प्रीत ही चंदन है। 
हृदय कुंज में मनमोहन का, 
साँसें करती नित वंदन है।

©Dr Usha Kiran
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

White 212  212   212  212 

चांँदनी मुस्कुराती रही रात भर। 
ज़िंदगी खार खाती रही रात भर। 

थी शमां जल रही बीच महफिल मग़र , 
दिल हमारा जलाती रही रात भर। 

फासले दरमियां थे मिटे ही नहीं, 
अश्क आंँखें बहाती रही रात भर। 

आरजू थी हमारी चले हमकदम, 
ख्वाहिशें चोट खाती रही रात भर। 

चोट ऐसी मिली जो मिटी ही नहीं, 
ज़ख्म सारे छुपाती रही रात भर।

था समंदर बहा खूब लहरें उठीं, 
कश्तियांँ को डूबाती रही रात भर। 

दर्द को गुनगुनाते रहे हैं ‘उषा’, 
ख़ुद जली को बुझाती रही रात भर।

©Dr Usha Kiran
  #चाँदनी मुस्कराती रही रात भर

#चाँदनी मुस्कराती रही रात भर #शायरी

a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

White 

मधुबन-मधुबन प्यास लगी है, पनघट-पनघट पहरे हैं। 
जलता है मेघों का आंगन, सागर कितने हहरे हैं। 
कितने आँसू रोज धधकते,मनुहारों की गलियों में -
बिंध गयी हिय की धरती है, अंबर कैसे ठहरे हैं!

©Dr Usha Kiran
  #hindi_poem_appreciation
a23a96ebf7e1aaed827fb0ec5a787b98

Dr Usha Kiran

White 
खोई-खोई रात की रानी, 
चंदा नभ में अलसाये। 
ऐसे में आकर के सजना 
निज बाँहों में भर जाए। 
बूँदों  की  रसधार  भिगोये, 
तब  दो मन सुध बिसराये। 
आकर चंचल पुरवाई  फिर, 
 चंदन   सा    लेप    लगाये। 
मेरी आँखें, तेरी आँखें, 
चुपके-चुपके बतियाये।
खोई-खोई……….. । 
 उलझी  दो  साँसों  की  डोरी, 
उलझन   बढ़ती   ही    जाये। 
मदिर-मदिर महका मन उपवन, 
कुछ   अधरन   भेद   छुपाये।
देखे जो चाँद चकोरी को,
पलभर रजनी शरमाये। 
खोई-खोई………… । 
देह दो  टेसु  के  जंगल में, 
भटके  पर  लौट  न   पाये। 
ओढ़ के सपनों का दुशाला, 
सरस  निन्दिया  सो  जाएँ। 
मृदुल सी निंदिया दोनों की, 
अंँखियों में लोरी गाये।
खोई-खोई……….. ।

©Dr Usha Kiran
  #खोई_खोई_रात_की_रानी
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile